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sanjay kumar jha's avatar

आपने शब्दो को मोतियो की तरह पिरोया है वह काबिले तारीफ है। निसंदेह मुझे यह व्यक्त करने मे कोई अतिशयोक्ति नही होगी कि आपकी प्रस्तुति अपने आप मे अनूठी एवं भावनात्मक पहलूओ को स्पर्श करते हुए अन्तरात्मा को झकझोरने की प्रयास है।

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A K Jha's avatar

अत्यंत रोचक प्रस्तुती,एक निर्जीव वस्तु का सजीव वार्तालाप, अपने आप मे एक अनूठा प्रयोग

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